श्री राम आरती (Shri Ram Aarti) भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपराओं का अभिन्न अंग है। श्री रामचन्द्र जी, जिन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में विशेष सम्मान और श्रद्धा के पात्र हैं। उनकी आरती का गान उनके भक्तों के लिए अत्यंत पुण्य और आध्यात्मिक आनंद का स्रोत है। श्री राम की आरती के माध्यम से भक्त अपने आराध्य भगवान श्री राम को समर्पित भाव से नमन करते हैं और उनसे आशीर्वाद की कामना करते हैं।
श्री राम आरती न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमारे जीवन में शांति, संतोष और आत्मिक संतुलन लाने का भी एक माध्यम है। इस आरती में भगवान राम के गुणों, उनकी महिमा और उनके द्वारा किए गए महान कार्यों का वर्णन होता है। यह आरती हर दिन सुबह और शाम को भक्तों द्वारा गायी जाती है, जिससे उनका दिन शुभ और मंगलमय बनता है।
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|| श्री रघुवर जी – श्री राम आरती ||
आरती कीजै श्री रघुवर जी की,
सत चित आनन्द शिव सुन्दर की॥
दशरथ तनय कौशल्या नन्दन,
सुर मुनि रक्षक दैत्य निकन्दन॥
अनुगत भक्त भक्त उर चन्दन,
मर्यादा पुरुषोत्तम वर की॥
निर्गुण सगुण अनूप रूप निधि,
सकल लोक वन्दित विभिन्न विधि॥
हरण शोक-भय दायक नव निधि,
माया रहित दिव्य नर वर की॥
जानकी पति सुर अधिपति जगपति,
अखिल लोक पालक त्रिलोक गति॥
विश्व वन्द्य अवन्ह अमित गति,
एक मात्र गति सचराचर की॥
शरणागत वत्सल व्रतधारी,
भक्त कल्प तरुवर असुरारी॥
नाम लेत जग पावनकारी,
वानर सखा दीन दुख हर की॥
|| Shri Ram Aarti Lyrics ||
Aarti keeje Shri Raghuvar ji ki,
Sat chit aanand Shiva sundar ki.
Dasharath tanay Kaushalya nandan,
Sur muni rakshak daitya nikandan.
Anugat bhakt bhakt ur chandan,
Maryada purushottam var ki.
Nirgun sagun anoop roop nidhi,
Sakal lok vandit vibhinn vidhi.
Haran shok-bhay daayak nav nidhi,
Maya rahit divya nar var ki.
Janaki pati sur adhipati jagpati,
Akhil lok paalak trilok gati.
Vishwa vandya avanha amit gati,
Ek maatra gati sacharachar ki.
Sharanagat vatsal vratadhari,
Bhakt kalp taruvar asurari.
Naam lete jag pavankari,
Vanar sakha deen dukh har ki.
Shri Raghuvar ji Aarti
आरती कीजै श्री रघुवरजी की आरती का महत्व क्या है?
आरती कीजै श्री रघुवरजी की आरती का महत्व असीम है। यह आरती भगवान श्री रामचन्द्र जी की महिमा का गुणगान करती है और भक्तों के हृदय में भक्ति और श्रद्धा को जागृत करती है। इस आरती के माध्यम से भक्त भगवान श्री राम से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और उनके जीवन में सुख-शांति और समृद्धि की कामना करते हैं।
इस आरती का पाठ कब और कैसे किया जाता है?
इस आरती का पाठ प्रातः और सायं दो बार किया जाता है। आरती के समय एक दीपक जलाकर भगवान श्री राम की प्रतिमा या चित्र के सामने रखा जाता है। भक्तगण भक्ति भाव से आरती गाते हैं और आरती समाप्त होने के बाद प्रसाद वितरण किया जाता है।
इस आरती का पाठ करने से क्या लाभ होता है?
इस आरती का पाठ करने से मन की शांति मिलती है, नकारात्मक विचार दूर होते हैं और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। भक्तगण भगवान श्री राम की कृपा से अपने जीवन में सुख, समृद्धि और मानसिक संतुलन की प्राप्ति करते हैं।
क्या इस आरती का कोई विशेष दिन है जब इसे करना विशेष फलदायक माना जाता है?
हालांकि, इस आरती का पाठ प्रतिदिन किया जा सकता है, लेकिन विशेष रूप से राम नवमी और दशहरा जैसे पर्वों पर इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। इन पवित्र दिनों पर भगवान श्री राम की आराधना और आरती का विशेष महत्व है और इसे करना अत्यंत फलदायक माना जाता है।
क्या महिलाएं भी इस आरती का पाठ कर सकती हैं?
हाँ, महिलाएं भी इस आरती का पाठ कर सकती हैं। भगवान श्री राम की आरती का पाठ करने का अधिकार सभी भक्तों को समान रूप से प्राप्त है, चाहे वे महिला हों या पुरुष। भक्तिभाव से आरती का पाठ करने से सभी को भगवान श्री राम की कृपा प्राप्त होती है।
आरती का सही उच्चारण कैसे सुनिश्चित किया जाए?
आरती का सही उच्चारण सुनिश्चित करने के लिए आरती के शब्दों को ध्यानपूर्वक पढ़ें और समझें। कई बार ऑनलाइन ऑडियो और वीडियो संसाधनों का उपयोग भी किया जा सकता है, जिससे सही उच्चारण और लय का अभ्यास किया जा सकता है।
क्या आरती कीजै श्री रघुवरजी की आरती का पाठ घर पर करना उचित है?
हाँ, आरती कीजै श्री रघुवरजी की आरती का पाठ घर पर करना पूर्णतः उचित है। इसे मंदिर में भी किया जा सकता है, लेकिन घर पर नियमित रूप से आरती करने से घर का वातावरण पवित्र और शुद्ध बना रहता है।
FAQs – श्री राम आरती (Shri Ram Aarti)
1. श्री राम का मूल मंत्र क्या है?
श्री राम का मूल मंत्र “ॐ श्री रामाय नमः” है। यह मंत्र श्री राम का आशीर्वाद पाने के लिए जप किया जाता है।
2. श्री राम स्तुति कब करना चाहिए?
श्री राम की स्तुति किसी भी समय की जा सकती है, लेकिन ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 बजे से 6 बजे तक) और शाम के समय इसे करना अत्यंत फलदायी माना जाता है।
3. श्री राम जी को प्रसन्न कैसे करें?
श्री राम को प्रसन्न करने के लिए उनकी निष्ठा से पूजा करें, “रामायण” का पाठ करें, और “श्री राम जय राम जय जय राम” मंत्र का जप करें। साथ ही, सत्य, धर्म और सदाचार का पालन करें।
4. श्री राम का दूसरा नाम क्या है?
श्री राम के कई अन्य नाम हैं, जिनमें “रघुकुल नायक“, “मर्यादा पुरुषोत्तम“, और “रामचंद्र” प्रमुख हैं।
5. राम जी का प्रिय मंत्र कौन सा है?
श्री राम का प्रिय मंत्र “श्री राम जय राम जय जय राम” है। इस मंत्र का जप करने से व्यक्ति के जीवन में शांति और समृद्धि आती है।
6. राम का शक्तिशाली मंत्र कौन सा है?
राम का सबसे शक्तिशाली मंत्र “राम-नाम” का निरंतर जप है। कहा जाता है कि “राम” नाम का उच्चारण मात्र से ही सारे पाप धुल जाते हैं और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।