Wednesday, September 11, 2024
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ॐ जय महावीर प्रभु आरती (Om Jai Mahavir Prabhu Aarti PDF)

महावीर प्रभु आरती (Om Jai Mahavir Prabhu Aarti), महावीर स्वामी जैन धर्म के चौबीसवें तीर्थंकर माने जाते हैं। वे अहिंसा, सत्य, अचौर्य, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह के पाँच प्रमुख व्रतों के पालन का संदेश देते हैं। महावीर स्वामी की आरती जैन समाज में बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है और इसे विशेष उत्सवों, पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठानों के दौरान गाया जाता है।

ॐ जय महावीर प्रभु आरती महावीर स्वामी की महिमा और उनके उपदेशों का वर्णन करती है। यह आरती भक्तों को महावीर स्वामी के जीवन और उनकी शिक्षाओं से प्रेरणा प्राप्त करने का अवसर प्रदान करती है। आरती के माध्यम से भक्त अपनी श्रद्धा और भक्ति प्रकट करते हैं और महावीर स्वामी के आशीर्वाद की कामना करते हैं।

महावीर स्वामी का जन्म ईसा पूर्व 599 में बिहार के वैशाली क्षेत्र में हुआ था। उन्होंने राजसी जीवन त्याग कर साधु जीवन अपनाया और 12 वर्षों की कठोर तपस्या के बाद कैवल्य (मोक्ष) प्राप्त किया। महावीर स्वामी ने अपने उपदेशों से समाज में अहिंसा और सत्य का संदेश फैलाया और अपने अनुयायियों को जीवन के सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया।


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|| ॐ जय महावीर प्रभु आरती ||

ॐ जय महावीर प्रभु,
स्वामी जय महावीर प्रभु ।
कुण्डलपुर अवतारी,
चांदनपुर अवतारी,
त्रिशलानंद विभु ॥

सिध्धारथ घर जन्मे,
वैभव था भारी ।
बाल ब्रह्मचारी व्रत,
पाल्यो तप धारी ॥
॥ॐ जय महावीर प्रभु…॥

आतम ज्ञान विरागी,
सम दृष्टि धारी ।
माया मोह विनाशक,
ज्ञान ज्योति जारी ॥
॥ॐ जय महावीर प्रभु…॥

जग में पाठ अहिंसा,
आप ही विस्तारयो ।
हिंसा पाप मिटा कर,
सुधर्म परिचारियो ॥
॥ॐ जय महावीर प्रभु…॥

अमर चंद को सपना,
तुमने परभू दीना ।
मंदिर तीन शेखर का,
निर्मित है कीना ॥
॥ॐ जय महावीर प्रभु…॥

जयपुर नृप भी तेरे,
अतिशय के सेवी ।
एक ग्राम तिन्ह दीनो,
सेवा हित यह भी ॥
॥ॐ जय महावीर प्रभु…॥

जल में भिन्न कमल जो,
घर में बाल यति ।
राज पाठ सब त्यागे,
ममता मोह हती ॥
॥ॐ जय महावीर प्रभु…॥

भूमंडल चांदनपुर,
मंदिर मध्य लसे ।
शांत जिनिश्वर मूरत,
दर्शन पाप लसे ॥
॥ॐ जय महावीर प्रभु…॥

जो कोई तेरे दर पर,
इच्छा कर आवे ।
धन सुत्त सब कुछ पावे,
संकट मिट जावे ॥
॥ॐ जय महावीर प्रभु…॥

निशदिन प्रभु मंदिर में,
जगमग ज्योत जरे ।
हम सेवक चरणों में,
आनंद मूँद भरे ॥
॥ॐ जय महावीर प्रभु…॥

ॐ जय महावीर प्रभु,
स्वामी जय महावीर प्रभु ।
कुण्डलपुर अवतारी,
चांदनपुर अवतारी,
त्रिशलानंद विभु ॥

|| Om Jai Mahavir Prabhu aArti ||

Om Jay Mahavir Prabhu,
Swami Jay Mahavir Prabhu.
Kundalpur Avatari,
Chandanpur Avatari,
Trishalanand Vibhu.

Siddharath Ghar Janme,
Vaibhav Tha Bhari.
Bal Brahmachari Vrat,
Palyo Tap Dhari.
Om Jay Mahavir Prabhu…

Atam Gyan Viragi,
Sam Drishti Dhari.
Maya Moh Vinashak,
Gyan Jyoti Jaari.
Om Jay Mahavir Prabhu…

Jag Mein Path Ahinsa,
Aap Hi Vistaryo.
Hinsa Paap Mita Kar,
Sudharm Parichariyo.
Om Jay Mahavir Prabhu…

Amar Chand Ko Sapna,
Tumne Prabhu Dina.
Mandir Teen Shekhar Ka,
Nirmit Hai Keena.
Om Jay Mahavir Prabhu…

Jaipur Nrip Bhi Tere,
Atishay Ke Sevi.
Ek Gram Tinh Dino,
Seva Hit Yeh Bhi.
Om Jay Mahavir Prabhu…

Jal Mein Bhinn Kamal Jo,
Ghar Mein Baal Yati.
Raj Path Sab Tyage,
Mamta Moh Hati.
Om Jay Mahavir Prabhu…

Bhoomandal Chandanpur,
Mandir Madhya Lase.
Shant Jinishwar Moorti,
Darshan Paap Lase.
Om Jay Mahavir Prabhu…

Jo Koi Tere Dar Par,
Ichha Kar Aave.
Dhan Sutt Sab Kuch Paave,
Sankat Mit Jaave.
Om Jay Mahavir Prabhu…

Nishadin Prabhu Mandir Mein,
Jagmag Jyot Jare.
Hum Sevak Charanon Mein,
Anand Mud Bhare.
Om Jay Mahavir Prabhu…

Om Jay Mahavir Prabhu,
Swami Jay Mahavir Prabhu.
Kundalpur Avatari,
Chandanpur Avatari,
Trishalanand Vibhu.


ॐ जय महावीर प्रभु आरती के लाभ

ॐ जय महावीर प्रभु आरती (Om Jai Mahavir Prabhu Aarti) एक अत्यंत महत्वपूर्ण और श्रद्धेय आरती है, जो भगवान महावीर स्वामी की आराधना के लिए की जाती है। भगवान महावीर स्वामी जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर थे और उन्होंने अहिंसा, सत्य, और तपस्या का अद्वितीय आदर्श प्रस्तुत किया। इस आरती का पाठ करने से श्रद्धालुओं को विभिन्न लाभ प्राप्त होते हैं, जिनका वर्णन नीचे विस्तार से किया गया है।

आरती के लाभ और महत्व

आध्यात्मिक उन्नति: भगवान महावीर स्वामी की आरती का पाठ करने से व्यक्ति की आत्मिक उन्नति होती है। यह आरती भक्ति और श्रद्धा के माध्यम से ईश्वर के प्रति लगाव को प्रगाढ़ करती है और आत्मा की शुद्धि में सहायक होती है। नियमित रूप से इस आरती का पाठ करने से व्यक्ति के मन और आत्मा में शांति और संतुलन स्थापित होता है।

अहिंसा और सत्य का पालन: भगवान महावीर स्वामी ने अपने जीवन में अहिंसा और सत्य का पालन किया और इन्हें अपनी शिक्षा का मूल माना। इस आरती का पाठ करने से व्यक्ति को इन आदर्शों को अपनाने की प्रेरणा मिलती है। यह आरती अहिंसा, सत्य, और परिग्रह की उपासना का प्रतीक है, जिससे व्यक्ति अपने जीवन में इन गुणों को आत्मसात कर सकता है।

मनोकामनाओं की पूर्ति: आरती में भगवान महावीर स्वामी से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएं प्रस्तुत करते हैं। इस आरती का नियमित पाठ करने से व्यक्ति की इच्छाओं की पूर्ति होती है और उसके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं। यह विश्वास होता है कि भगवान महावीर स्वामी भक्तों की सभी इच्छाओं को पूर्ण करते हैं।

समाज में नैतिकता और शांति: भगवान महावीर स्वामी की शिक्षाएं समाज में नैतिकता और शांति की स्थापना के लिए मार्गदर्शक हैं। आरती का पाठ करने से व्यक्ति में नैतिक मूल्यों के प्रति जागरूकता आती है, जो समाज में शांति और समरसता को बढ़ावा देती है। इससे समाज में विवादों और तनाव की स्थिति कम होती है।

स्वास्थ्य लाभ: नियमित रूप से इस आरती का पाठ करने से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। भक्ति और ध्यान के माध्यम से मानसिक तनाव कम होता है और शारीरिक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है। आरती के समय का ध्यान और एकाग्रता स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होती है।

धार्मिक एकता और सामूहिक भक्ति: इस आरती के आयोजन से धार्मिक एकता और सामूहिक भक्ति को बढ़ावा मिलता है। जब समुदाय मिलकर आरती का आयोजन करता है, तो यह सामाजिक और धार्मिक एकता को प्रगाढ़ करता है। इससे आपसी सहयोग और स्नेह का वातावरण बनता है।

पारिवारिक समृद्धि: भगवान महावीर स्वामी की आरती का पाठ पारिवारिक जीवन में भी सुख और समृद्धि लाता है। जब परिवार के सभी सदस्य मिलकर आरती का आयोजन करते हैं, तो यह परिवार के बीच प्रेम और स्नेह को बढ़ावा देता है। इससे परिवार में एकता और सामंजस्य बना रहता है।

आध्यात्मिक प्रेरणा: इस आरती का पाठ करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक प्रेरणा मिलती है। भगवान महावीर स्वामी के जीवन और शिक्षाएं व्यक्ति को सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती हैं। यह आरती आत्मिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण साधन है।

संकटों से मुक्ति: आरती के पाठ से व्यक्ति के जीवन में आने वाले संकटों और समस्याओं का निवारण होता है। भगवान महावीर स्वामी की कृपा से जीवन की कठिनाइयों का सामना करने की शक्ति मिलती है और व्यक्ति संकटों से उबरने में सक्षम होता है।

सच्ची भक्ति और श्रद्धा: आरती का पाठ करने से व्यक्ति की सच्ची भक्ति और श्रद्धा को प्रकट करने का अवसर मिलता है। यह भक्ति भगवान महावीर स्वामी के प्रति समर्पण और आदर को व्यक्त करती है, जो व्यक्ति के जीवन में स्थिरता और शांति लाती है।

ॐ जय महावीर प्रभु आरती एक दिव्य और महत्वपूर्ण अनुष्ठान है जो भगवान महावीर स्वामी की भक्ति और आराधना का प्रतीक है। इसके पाठ से व्यक्ति को अनेक आध्यात्मिक, मानसिक, और सामाजिक लाभ प्राप्त होते हैं। यह आरती व्यक्ति के जीवन को सकारात्मक दिशा प्रदान करती है और भगवान महावीर स्वामी की शिक्षाओं को जीवन में उतारने में मदद करती है। नियमित रूप से इस आरती का पाठ करने से व्यक्ति की आस्था और भक्ति में वृद्धि होती है और जीवन में शांति और सुख की प्राप्ति होती है।


1. भगवान महावीर का प्रथम शिष्य कौन था?

भगवान महावीर का प्रथम शिष्य गौतम गणधर था। वह भगवान महावीर के सबसे प्रिय और नजदीकी शिष्यों में से एक थे।

2. कौन बड़ा है, बुद्ध या महावीर?

बुद्ध और महावीर दोनों ही अपने-अपने धर्मों के महान गुरु हैं। बुद्ध का स्थान बौद्ध धर्म में और महावीर का स्थान जैन धर्म में सर्वोच्च है। दोनों की शिक्षाएँ और विचारधाराएँ अलग-अलग हैं, इसलिए उन्हें तुलना में नहीं रखा जा सकता।

3. भगवान महावीर की मृत्यु कैसे हुई?

भगवान महावीर की मृत्यु निर्वाण के रूप में मानी जाती है। उन्होंने 72 वर्ष की आयु में पावापुरी (बिहार) में अपने शरीर का त्याग किया और मोक्ष प्राप्त किया।

4. जैन धर्म में मुख्य देवता कौन है?

जैन धर्म में मुख्य देवता तीर्थंकर माने जाते हैं। 24 तीर्थंकरों में भगवान महावीर अंतिम तीर्थंकर थे। जैन धर्म में तीर्थंकरों की पूजा की जाती है।

5. महावीर स्वामी का असली नाम क्या था?

भगवान महावीर का असली नाम वर्धमान था। उनका यह नाम उनके जन्म के समय रखा गया था, क्योंकि उनके जन्म के साथ उनके परिवार में समृद्धि और खुशहाली आई थी।

Hemlata
Hemlatahttps://www.chalisa-pdf.com
Ms. Hemlata is a prominent Indian author and spiritual writer known for her contributions to the realm of devotional literature. She is best recognized for her work on the "Chalisa", a series of devotional hymns dedicated to various Hindu deities. Her book, available on Chalisa PDF, has garnered widespread acclaim for its accessible presentation of these spiritual texts.
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