Wednesday, September 11, 2024
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संपूर्ण महामृत्युंजय मंत्र (Maha Mrityunjaya Mantra)

महामृत्युंजय मंत्र (Maha Mrityunjaya Mantra), जिसे मृत्युंजय मंत्र या त्रयंबक मंत्र के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म के सबसे पवित्र और शक्तिशाली मंत्रों में से एक है। यह मंत्र भगवान शिव को समर्पित है और इसमें जीवन, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए प्रार्थना की जाती है। इस मंत्र का उल्लेख ऋग्वेद और यजुर्वेद में मिलता है और इसे महामृत्युंजय जप के रूप में भी जाना जाता है।

महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ है “मृत्यु को जीतने वाला महान मंत्र”। इस मंत्र का जाप जीवन के कठिन समय में आत्मा को शांति और सुरक्षा प्रदान करता है। इसे विशेष रूप से रोग, भय और मृत्यु के संकट से मुक्ति पाने के लिए किया जाता है।

इस मंत्र का नियमित रूप से जाप करने से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है, और व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता और ऊर्जा का संचार होता है। यह मंत्र नकारात्मक शक्तियों और बुरी नजर से भी रक्षा करता है।

महामृत्युंजय मंत्र का प्रभावशाली और शुद्धिकरण करने वाला स्वरूप इसे विशेष बनाता है। यह न केवल आध्यात्मिक उन्नति के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इसे जीवन के हर पहलू में शुभता और समृद्धि लाने वाला माना जाता है।

महामृत्युंजय मंत्र का सही उच्चारण और भावपूर्ण ध्यान व्यक्ति के जीवन में अद्भुत बदलाव ला सकता है। इसलिए, इस मंत्र का दैनिक जाप करने से असीम शांति, सुरक्षा और सफलता प्राप्त होती है।


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महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ (Mahamrityunjaya Mantra Meaning)

  • : परमात्मा को याद करते हुए,
  • त्र्यम्बकं: तीन आंखों वाले (तीनों लोकों के पालनहार),
  • यजामहे: हम आपकी पूजा करते हैं,
  • सुगन्धिं: जो सुगंधित हो,
  • पुष्टिवर्धनम्: जो शक्तिवर्धक हो,
  • उर्वारुकमिव: गुलर के फूल की भांति,
  • बन्धनान्: बंधनों से,
  • मृत्योर्मुक्षीय: मृत्यु से मुक्ति प्रदान करें,
  • मामृतात्: मुझे अमरता की प्राप्ति कराएं।


maha mrityunjaya mantra Meaning

  • Om: Om, the primordial sound
  • Tryambakam: Three-eyed one (Lord Shiva)
  • Yajamahe: We worship, adore, honor
  • Sugandhim: Sweet fragrance, auspicious
  • Pushtivardhanam: Nourisher, sustainer of all
  • Urvarukamiva: Like the cucumber
  • Bandhanan: From bondage
  • Mrityor: From death
  • Mukshiya: May he liberate
  • Maamritat: Grant us immortality

महामृत्युंजय मंत्र के लाभ (Maha mrityunjaya Mantra Benefits)

रोगों का नाश: यह मंत्र रोगों से मुक्ति प्रदान करता है और स्वास्थ्य को सुधारता है।
भयमुक्ति: इसका जाप भय और चिंता से मुक्ति प्रदान करता है।
आत्मिक शांति: यह मंत्र आत्मिक शांति और मानसिक स्थिति को सुधारता है।
ध्यान और धार्मिक उन्नति: इसका जाप ध्यान को बढ़ाता है और आत्मिक उन्नति में मदद करता है।
मृत्यु से मुक्ति: यह मंत्र मृत्यु के भय को दूर करने में सहायक होता है और जीवन को लंबा और सुखमय बनाने में समर्थ होता है।

    महामृत्युंजय मंत्र के शब्द (Mahamrityunjaya Mantra Lyrics)

    ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।
    उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥

    महामृत्युंजय मंत्र का इतिहास

    महामृत्युंजय मंत्र का इतिहास बहुत पुराना है और यह वेदों में पाया जाता है, जो कि हिंदू धर्म के प्राचीनतम ग्रंथ हैं। यह मंत्र भगवान शिव को समर्पित है, जिन्हें विनाश और पुनर्जन्म के देवता के रूप में पूजा जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस मंत्र का खुलासा महर्षि मार्कंडेय ने किया था, जो भगवान शिव के परम भक्त थे। जब महर्षि मार्कंडेय को यमराज (मृत्यु के देवता) द्वारा ले जाया जा रहा था, तो उन्होंने इस मंत्र का जाप किया और भगवान शिव ने उन्हें मृत्यु से बचाया।

    महामृत्युंजय मंत्र का आध्यात्मिक महत्व

    महामृत्युंजय मंत्र का आध्यात्मिक महत्व अपार है। इसे नियमित रूप से जपने से व्यक्ति को न केवल शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार मिलता है, बल्कि मानसिक और आत्मिक शांति भी प्राप्त होती है। यह मंत्र व्यक्ति को भय, चिंता और तनाव से मुक्त करने में सहायक होता है। इसके नियमित जप से व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है और वह जीवन के कठिनाइयों का सामना करने में सक्षम होता है।

    स्वास्थ्य पर प्रभाव

    विज्ञान भी इस बात को स्वीकारता है कि नियमित रूप से मंत्र का जप करने से व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। महामृत्युंजय मंत्र का जप व्यक्ति के नाड़ी तंत्र को शांत करता है और हृदय गति को सामान्य करता है। यह व्यक्ति के रक्तचाप को नियंत्रित करने में भी सहायक होता है। इसके अलावा, यह मंत्र व्यक्ति के इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है और बीमारियों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है।

    परिवार और समाज पर प्रभाव

    महामृत्युंजय मंत्र का जप केवल व्यक्तिगत लाभ के लिए ही नहीं, बल्कि परिवार और समाज के कल्याण के लिए भी किया जा सकता है। इसे सामूहिक रूप से जपने से परिवार और समाज में शांति, समृद्धि और सहयोग की भावना बढ़ती है। यह मंत्र नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है, जिससे परिवार और समाज के सदस्य एक-दूसरे के प्रति अधिक प्रेम और सम्मान का अनुभव करते हैं।

    महामृत्युंजय मंत्र जप की विधि

    महामृत्युंजय मंत्र का जप करने के लिए निम्नलिखित विधि अपनाई जा सकती है:

    स्वच्छ और शांत स्थान का चयन करें: मंत्र जप करने के लिए एक स्वच्छ और शांत स्थान का चयन करें, जहां कोई बाहरी शोर न हो।

    आरामदायक स्थिति में बैठें: एक आरामदायक स्थिति में बैठें, जैसे पद्मासन या सुखासन।

    माला का प्रयोग करें: मंत्र जप करने के लिए रुद्राक्ष या किसी अन्य पवित्र माला का प्रयोग करें।

    आंखें बंद करें और ध्यान केंद्रित करें: अपनी आंखें बंद करें और भगवान शिव की छवि पर ध्यान केंद्रित करें।

    मंत्र का जप करें: धीरे-धीरे और शांतिपूर्वक महामृत्युंजय मंत्र का जप करें।

      महामृत्युंजय मंत्र एक अद्वितीय और शक्तिशाली मंत्र है जो व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आत्मिक शांति प्रदान करता है। यह न केवल मृत्यु के भय से मुक्त करता है, बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करता है। इसके नियमित जप से व्यक्ति का जीवन सुखी, स्वस्थ और समृद्ध होता है। यह मंत्र हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए एक अनमोल धरोहर है, जो जीवन की हर कठिनाई का सामना करने में सक्षम बनाता है।

      Hemlata
      Hemlatahttps://www.chalisa-pdf.com
      Ms. Hemlata is a prominent Indian author and spiritual writer known for her contributions to the realm of devotional literature. She is best recognized for her work on the "Chalisa", a series of devotional hymns dedicated to various Hindu deities. Her book, available on Chalisa PDF, has garnered widespread acclaim for its accessible presentation of these spiritual texts.
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