कैला देवी चालीसा (Kaila Devi Chalisa pdf) का अपना एक विशिष्ट महत्व है। कैला देवी को शक्ति और करूणा की देवी माना जाता है। उनके भक्त उन्हें माँ के रूप में पूजते हैं और उनकी असीम कृपा और संरक्षण की कामना करते हैं। कैला देवी की चालीसा का पाठ करने से भक्तों को जीवन में शांति, समृद्धि और सुख की प्राप्ति होती है।
कैला देवी चालीसा में माता की महिमा, उनकी लीलाओं, और भक्तों के प्रति उनकी कृपा का वर्णन किया गया है। इस चालीसा के पाठ से भक्तों को मानसिक शांति, आध्यात्मिक शक्ति और आत्मिक संतोष की प्राप्ति होती है। जो लोग जीवन में कष्टों और समस्याओं से जूझ रहे हैं, उनके लिए कैला देवी की चालीसा का पाठ अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो सकता है।
चालीसा के माध्यम से हम माता कैला देवी की महिमा का गुणगान करते हुए, उनके प्रति अपनी भक्ति और श्रद्धा प्रकट करते हैं। यह चालीसा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि मानसिक और आत्मिक संतुलन के लिए भी अत्यंत उपयोगी है।
कैला देवी की आराधना से सभी प्रकार की बाधाएं और कष्ट दूर होते हैं। यह चालीसा भक्तों के जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि का संचार करती है। माता कैला देवी के आशीर्वाद से भक्तों को हर प्रकार के संकट से मुक्ति मिलती है और वे अपनी इच्छाओं की पूर्ति करते हैं।
बोलो: जय माँ कैला देवी!
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|| कैला देवी चालीसा ||
॥ दोहा ॥
जय जय कैला मात हे
तुम्हे नमाउ माथ ॥
शरण पडूं में चरण में
जोडूं दोनों हाथ ॥
आप जानी जान हो
मैं माता अंजान ॥
क्षमा भूल मेरी करो
करूँ तेरा गुणगान ॥
॥ चौपाई ॥
जय जय जय कैला महारानी ।
नमो नमो जगदम्ब भवानी ॥
सब जग की हो भाग्य विधाता ।
आदि शक्ति तू सबकी माता ॥
दोनों बहिना सबसे न्यारी ।
महिमा अपरम्पार तुम्हारी ॥
शोभा सदन सकल गुणखानी ।
वैद पुराणन माँही बखानी ॥4॥
जय हो मात करौली वाली ।
शत प्रणाम कालीसिल वाली ॥
ज्वालाजी में ज्योति तुम्हारी ।
हिंगलाज में तू महतारी ॥
तू ही नई सैमरी वाली ।
तू चामुंडा तू कंकाली ॥
नगर कोट में तू ही विराजे ।
विंध्यांचल में तू ही राजै ॥8॥
धौलागढ़ बेलौन तू माता ।
वैष्णवदेवी जग विख्याता ॥
नव दुर्गा तू मात भवानी ।
चामुंडा मंशा कल्याणी ॥
जय जय सूये चोले वाली ।
जय काली कलकत्ते वाली ॥
तू ही लक्ष्मी तू ही ब्रम्हाणी ।
पार्वती तू ही इन्द्राणी ॥12॥
सरस्वती तू विद्या दाता ।
तू ही है संतोषी माता ॥
अन्नपुर्णा तू जग पालक ।
मात पिता तू ही हम बालक ॥
तू राधा तू सावित्री ।
तारा मतंग्डिंग गायत्री ॥
तू ही आदि सुंदरी अम्बा ।
मात चर्चिका हे जगदम्बा ॥16॥
एक हाथ में खप्पर राजै ।
दूजे हाथ त्रिशूल विराजै ॥
कालीसिल पै दानव मारे ।
राजा नल के कारज सारे ॥
शुम्भ निशुम्भ नसावनि हारी ।
महिषासुर को मारनवारी ॥
रक्तबीज रण बीच पछारो ।
शंखासुर तैने संहारो ॥20॥
ऊँचे नीचे पर्वत वारी ।
करती माता सिंह सवारी ॥
ध्वजा तेरी ऊपर फहरावे ।
तीन लोक में यश फैलावे ॥
अष्ट प्रहर माँ नौबत बाजै ।
चाँदी के चौतरा विराजै ॥
लांगुर घटूअन चलै भवन में ।
मात राज तेरौ त्रिभुवन में ॥24॥
घनन घनन घन घंटा बाजत ।
ब्रह्मा विष्णु देव सब ध्यावत ॥
अगनित दीप जले मंदिर में ।
ज्योति जले तेरी घर-घर में ॥
चौसठ जोगिन आंगन नाचत ।
बामन भैरों अस्तुति गावत ॥
देव दनुज गन्धर्व व किन्नर ।
भूत पिशाच नाग नारी नर ॥28॥
सब मिल माता तोय मनावे ।
रात दिन तेरे गुण गावे ॥
जो तेरा बोले जयकारा ।
होय मात उसका निस्तारा ॥
मना मनौती आकर घर सै ।
जात लगा जो तोंकू परसै ॥
ध्वजा नारियल भेंट चढ़ावे ।
गुंगर लौंग सो ज्योति जलावै ॥32॥
हलुआ पूरी भोग लगावै ।
रोली मेहंदी फूल चढ़ावे ॥
जो लांगुरिया गोद खिलावै ।
धन बल विद्या बुद्धि पावै ॥
जो माँ को जागरण करावै ।
चाँदी को सिर छत्र धरावै ॥
जीवन भर सारे सुख पावै ।
यश गौरव दुनिया में छावै ॥36॥
जो भभूत मस्तक पै लगावे ।
भूत-प्रेत न वाय सतावै ॥
जो कैला चालीसा पढ़ता।
नित्य नियम से इसे सुमरता ॥
मन वांछित वह फल को पाता ।
दुःख दारिद्र नष्ट हो जाता ॥
गोविन्द शिशु है शरण तुम्हारी ।
रक्षा कर कैला महतारी ॥40॥
॥ दोहा ॥
संवत तत्व गुण नभ भुज सुन्दर रविवार ।
पौष सुदी दौज शुभ पूर्ण भयो यह कार ॥
॥ इति कैला देवी चालीसा समाप्त ॥
|| KAILA DEVI CHALISA pdf ||
॥ Doha ॥
jay jay kaila maata he
hari namau maath ॥
sharan mein charan mein
jodoon donon haath ॥
aap jaaniye
main maata anjaan ॥
kshama karen meree karo
karoon tera gunagaan ॥
॥ chaupaee ॥
jay jay jay kaala mahaaraanee ॥
namo namo jagadamb bhavaanee ॥
sab jag kee ho bhaagy vidhaata ॥
aadi shakti tu maata maata ॥
donon bahina sabase nyaaree ॥
mahima aparampaar vivaah ॥
sobha sakal sakal gunakhaanee ॥
vaid puraanan manhi bakhaanee ॥4 ॥
jay ho maata karauleevaalee ॥
shat poojan kaaleesil vaalee ॥
bootajee mein jyoti vivaah ॥
hingalaaj mein too mahataaree ॥
too hee naee saamaree vaalee ॥
too chaamunda kankaalee ॥
nagar kot mein too hee viraaje ॥
vindhyaachal mein too hee raajai ॥8 ॥
dhaulaagadh belaun too maata ॥
vaishnavadevee jag mrgama ॥
nav durga too maata bhavaanee ॥
chaamunda kalyaan vidhi ॥
jay jay suye chhole vaalee ॥
jay kaalee kalakatte vaalee ॥
too hee lakshmee too hee bramhaanee ॥
paarvatee too hee indraanee ॥12 ॥
sarasvatee tu vidya daata ॥
too hee hai santoshee maata ॥
annapoorna too jag paalak ॥
maata pita hee ham baalak hain ॥
too raadha too priya ॥
taara maatangading gaayatree ॥
too hee aadi sundaree amba ॥
maata charchika he jagadamba ॥16 ॥
ek haath mein khappar raajai ॥
dooje haath trishool viraajai ॥
kaaleesil pai daanav maare ॥
raaja nal ke karj saare ॥
shumbh nishumbh naasaavani haaree ॥
mahishaasur ko maaravaadee ॥
raktabeej ran beech paharo ॥
shankhaasur taine sanhaaro ॥20 ॥
oonche neeche parvat vaaree ॥
maata sinh raanee ॥
dhvaja oopar phaharaave ॥
teen lok mein yash shobhaayamaan ॥
asht prahar maan naubat baajai ॥
chaandee ke chautara viraajai ॥
langoor ghaatoon chalai bhavan mein ॥
maata raaj terau tribhuvan mein ॥24 ॥
ghanan ghanan ghan ghanta bajat ॥
brahma vishnu dev sab dhyaavat ॥
agnit deep jale mandir mein ॥
jyoti jale teree ghar-ghar mein ॥
chausath jogin bele naachat ॥
baaman bhairon astuti gaavat ॥
dev danuj gandharv va kinnar ॥
bhoot pishaach naag naaree nar ॥28 ॥
sab mil maata toy manaave ॥
raat din tera gun gaave ॥
jo tera bole jayakaara ॥
hoy maata usaka nistaara ॥
man manautee gyaan ghar sai ॥
jaat laga jo tonkoo parasaee ॥
dhvaja koskonet ankitave ॥
gungar laung so jyoti jalaavai ॥32 ॥
halua poorn bhog lagaavai ॥
rolee laang phool chadhaave ॥
jo laanguriya god khilaavai ॥
dhan bal vidya buddhi paavai ॥
jo maan ko jagaav karaavai ॥
chaandee ko sir chhatr dharaavai ॥
jeevan bhar saara sukh paavai ॥
yash gaurav sansaar mein chhaavai ॥36 ॥
jo bahut mastak pai lagaave ॥
bhoot-pret na vai sataavai ॥
jo kaila chaaleesa restaraan ॥
nity niyam se ise sumarata ॥
man puraalekh vah phal ko paata hai ॥
duhkh daaridr nasht ho jaata hai ॥
shishu mandir hai govind sharanasthaan ॥
raksha kar kaila mahataaree ॥40 ॥
॥ Doha ॥
sanvat tatv gun nabh bhuj sundar ravivaar ॥
paush sudee dauj shubh poorn bhayo yah kaar ॥
॥ iti kaila devee chalisa samaapt ॥
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KAILA DEVI CHALISA LYRICS
KAILA DEVI CHALISA BENEFITS
कैला देवी चालीसा के लाभ
कैला देवी चालीसा (Kaila Devi Chalisa pdf), देवी कैला की आराधना के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक ग्रंथ है। इसे नियमित रूप से पढ़ने और सुनने से अनेक आध्यात्मिक और भौतिक लाभ होते हैं। यहाँ पर हम इस चालीसा के लाभों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
1. आध्यात्मिक उन्नति
कैला देवी चालीसा (Kaila Devi Chalisa pdf) का नियमित पाठ करने से व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति होती है। देवी कैला की आराधना से भक्त की आत्मा को शांति और संतुलन मिलता है। यह चालीसा भक्त को ईश्वर के प्रति विश्वास और श्रद्धा बढ़ाने में मदद करती है, जिससे उसकी आध्यात्मिक यात्रा सशक्त होती है।
2. संकट निवारण
इस चालीसा का पाठ करने से जीवन में आ रहे विभिन्न प्रकार के संकटों से मुक्ति मिल सकती है। देवी कैला के आशीर्वाद से व्यक्ति की समस्याएँ दूर होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। कठिन समय में इस चालीसा का पाठ संकटों को कम करने में सहायक होता है।
3. स्वास्थ्य लाभ
कैला देवी चालीसा (Kaila Devi Chalisa pdf) का पाठ मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होता है। मानसिक शांति और तनाव कम करने में यह चालीसा महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। नियमित पाठ से तनाव और चिंता की समस्याएँ दूर होती हैं, जिससे व्यक्ति के स्वास्थ्य में सुधार होता है।
4. सुख-समृद्धि का आगमन
चालीसा का नियमित पाठ करने से घर और परिवार में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। देवी कैला की कृपा से आर्थिक समृद्धि में वृद्धि होती है और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं। यह चालीसा विशेष रूप से आर्थिक समस्याओं का समाधान करने में मददगार होती है।
5. नकारात्मक ऊर्जा का नाश
इस चालीसा का पाठ करने से घर और परिवार में नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। यह चालीसा घर की शांति और खुशहाली को बनाए रखने में मदद करती है। नकारात्मक ऊर्जा और बुरी आत्माओं से सुरक्षा के लिए यह चालीसा एक शक्तिशाली औजार के रूप में काम करती है।
6. मनोकामनाएँ पूर्ण होना
कैला देवी चालीसा (Kaila Devi Chalisa pdf) का पाठ करने से भक्त की मनोकामनाएँ पूरी होती हैं। देवी कैला के आशीर्वाद से इच्छाएँ पूरी होती हैं और जीवन में खुशहाली आती है। यह चालीसा विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी होती है जो अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे होते हैं।
7. पारिवारिक संबंधों में सुधार
इस चालीसा का पाठ करने से परिवार के सदस्यों के बीच के संबंध मजबूत होते हैं। देवी कैला की कृपा से पारिवारिक विवाद समाप्त होते हैं और रिश्तों में प्रेम और समझदारी बढ़ती है। यह चालीसा परिवार की एकता और सामंजस्य बनाए रखने में सहायक होती है।
8. शांति और सुरक्षा
कैला देवी चालीसा (Kaila Devi Chalisa pdf) का नियमित पाठ व्यक्ति को मानसिक शांति और सुरक्षा प्रदान करता है। यह चालीसा व्यक्ति को जीवन की कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना करने में साहस और बल देती है। शांति और सुरक्षा की भावना को बनाए रखने में यह चालीसा महत्वपूर्ण होती है।
9. आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति
चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति होती है। देवी कैला के आशीर्वाद से व्यक्ति को जीवन के गहरे अर्थ और उद्देश्य की समझ मिलती है। यह चालीसा जीवन के आध्यात्मिक पहलुओं को समझने में मदद करती है।
10. सकारात्मक मानसिकता का विकास
कैला देवी चालीसा के पाठ से व्यक्ति की मानसिकता में सकारात्मक परिवर्तन आता है। यह चालीसा व्यक्ति को प्रेरित करती है और उसके आत्म-विश्वास को बढ़ाती है। सकारात्मक सोच और मानसिकता के विकास में यह चालीसा सहायक होती है।
11. कर्मों की शुद्धि
इस चालीसा का पाठ व्यक्ति के कर्मों को शुद्ध करने में मदद करता है। देवी कैला के आशीर्वाद से व्यक्ति अपने पापों को धो सकता है और अपने कर्मों को सुधार सकता है। यह चालीसा व्यक्ति की आत्मा की शुद्धि के लिए एक महत्वपूर्ण साधन होती है।
12. भक्ति और समर्पण का विकास
कैला देवी चालीसा (Kaila Devi Chalisa pdf) का नियमित पाठ भक्त में भक्ति और समर्पण की भावना को जागृत करता है। यह चालीसा भक्त को ईश्वर के प्रति अपनी भक्ति को प्रकट करने का अवसर देती है और उसकी धार्मिक भावना को मजबूत करती है।
13. आध्यात्मिक शक्ति का संवर्धन
चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति की आध्यात्मिक शक्ति का संवर्धन होता है। देवी कैला के आशीर्वाद से व्यक्ति के अंदर एक नई ऊर्जा और शक्ति का संचार होता है। यह चालीसा व्यक्ति की आध्यात्मिक क्षमताओं को उजागर करने में मदद करती है।
14. सकारात्मक वातावरण का निर्माण
कैला देवी चालीसा का पाठ घर और आसपास के वातावरण को सकारात्मक बनाता है। यह चालीसा घर में सुख-शांति और खुशहाली का माहौल बनाती है। सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने में यह चालीसा महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
15. सच्चे सुख की प्राप्ति
इस चालीसा का पाठ व्यक्ति को सच्चे सुख की प्राप्ति में मदद करता है। देवी कैला की कृपा से व्यक्ति को बाहरी भौतिक सुखों के बजाय सच्चे आंतरिक सुख की प्राप्ति होती है। यह चालीसा जीवन में संतोष और शांति लाने में सहायक होती है।
कैला देवी चालीसा एक अत्यंत प्रभावशाली और शक्तिशाली धार्मिक ग्रंथ है, जिसका पाठ करने से जीवन में अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। यह चालीसा न केवल आध्यात्मिक उन्नति के लिए बल्कि जीवन के विभिन्न पहलुओं में सुधार के लिए भी महत्वपूर्ण होती है। नियमित पाठ और पूजा से व्यक्ति को देवी कैला के आशीर्वाद का प्राप्ति होती है और उसकी जीवन यात्रा को एक नई दिशा मिलती है।