धर्मराज की आरती (Dharmraj Ki Aarti) एक पवित्र और शुभ अनुष्ठान है जो हिंदू धर्म में धर्मराज को समर्पित है। धर्मराज, जिन्हें यमराज भी कहा जाता है, धर्म और न्याय के देवता हैं। इस आरती का गान करने से व्यक्ति को जीवन में न्याय और सत्य का पालन करने की प्रेरणा मिलती है।
धर्मराज की आरती का महत्व विशेष रूप से उन अवसरों पर होता है जब व्यक्ति न्याय, सत्य और धर्म के मार्ग पर चलने का संकल्प लेता है। इस आरती का नियमित पाठ करने से जीवन में संतुलन और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
धर्मराज की आरती का संगीतमय पाठ न केवल भक्तों के मन को शांति और सुकून देता है, बल्कि उन्हें धार्मिक कर्तव्यों और सामाजिक उत्तरदायित्वों की याद भी दिलाता है। इस आरती का गान मंदिरों में, धार्मिक आयोजनों में और विशेष अवसरों पर किया जाता है, जिससे व्यक्ति को आध्यात्मिक उन्नति और आंतरिक शांति प्राप्त होती है।
धर्मराज की आरती का महत्व और इसके गान का प्रभाव व्यक्ति के जीवन में धर्म, न्याय और सत्य की स्थापन को सुनिश्चित करता है। यह आरती उन सभी के लिए एक मार्गदर्शक है जो धर्म और सत्य के मार्ग पर चलना चाहते हैं।
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Dharmraj Kar Siddh Kaaj PDF
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|| धर्मराज आरती – धर्मराज कर सिद्ध काज ||
धर्मराज कर सिद्ध काज,
प्रभु मैं शरणागत हूँ तेरी ।
पड़ी नाव मझदार भंवर में,
पार करो, न करो देरी ॥
॥ धर्मराज कर सिद्ध काज..॥
धर्मलोक के तुम स्वामी,
श्री यमराज कहलाते हो ।
जों जों प्राणी कर्म करत हैं,
तुम सब लिखते जाते हो ॥
अंत समय में सब ही को,
तुम दूत भेज बुलाते हो ।
पाप पुण्य का सारा लेखा,
उनको बांच सुनते हो ॥
भुगताते हो प्राणिन को तुम,
लख चौरासी की फेरी ॥
॥ धर्मराज कर सिद्ध काज..॥
चित्रगुप्त हैं लेखक तुम्हारे,
फुर्ती से लिखने वाले ।
अलग अगल से सब जीवों का,
लेखा जोखा लेने वाले ॥
पापी जन को पकड़ बुलाते,
नरको में ढाने वाले ।
बुरे काम करने वालो को,
खूब सजा देने वाले ॥
कोई नही बच पाता न,
याय निति ऐसी तेरी ॥
॥ धर्मराज कर सिद्ध काज..॥
दूत भयंकर तेरे स्वामी,
बड़े बड़े दर जाते हैं ।
पापी जन तो जिन्हें देखते ही,
भय से थर्राते हैं ॥
बांध गले में रस्सी वे,
पापी जन को ले जाते हैं ।
चाबुक मार लाते,
जरा रहम नहीं मन में लाते हैं ॥
नरक कुंड भुगताते उनको,
नहीं मिलती जिसमें सेरी ॥
॥ धर्मराज कर सिद्ध काज..॥
धर्मी जन को धर्मराज,
तुम खुद ही लेने आते हो ।
सादर ले जाकर उनको तुम,
स्वर्ग धाम पहुचाते हो ।
जों जन पाप कपट से डरकर,
तेरी भक्ति करते हैं ।
नर्क यातना कभी ना करते,
भवसागर तरते हैं ॥
कपिल मोहन पर कृपा करिये,
जपता हूँ तेरी माला ॥
॥ धर्मराज कर सिद्ध काज..॥
|| Dharmraj Ki Aarti – Dharmraj Kar Siddh Kaaj ||
Dharmaraj Kar Siddh Kaaj,
Prabhu Main Sharanagat Hoon Teri.
Padi Naav Majhdar Bhawar Mein,
Paar Karo, Na Karo Deri.
Dharmaraj Kar Siddh Kaaj…
Dharmalok Ke Tum Swami,
Shri Yamraj Kahlate Ho.
Jom Jom Prani Karm Karte Hain,
Tum Sab Likhte Jaate Ho.
Ant Samay Mein Sab Hi Ko,
Tum Doot Bhej Bulate Ho.
Paap Punya Ka Sara Lekha,
Unko Baanch Sunte Ho.
Bhugtate Ho Pranin Ko Tum,
Lakh Chaurasi Ki Feri.
Dharmaraj Kar Siddh Kaaj…
Chitragupta Hain Lekhak Tumhare,
Furti Se Likne Wale.
Alag Agal Se Sab Jeevon Ka,
Lekha Jokha Lene Wale.
Paapi Jan Ko Pakad Bulate,
Narako Mein Dhaane Wale.
Bure Kaam Karne Walo Ko,
Khoob Saza Dene Wale.
Koi Nahi Bach Paata Na,
Yay Niti Aisi Teri.
Dharmaraj Kar Siddh Kaaj…
Doot Bhayankar Tere Swami,
Bade Bade Dar Jaate Hain.
Paapi Jan To Jinhein Dekhte Hi,
Bhay Se Tharrate Hain.
Baandh Gale Mein Rassi Ve,
Paapi Jan Ko Le Jaate Hain.
Chaabuk Maar Laate,
Jara Reham Nahi Man Mein Laate Hain.
Narak Kund Bhugtate Unko,
Nahi Milti Jisme Seeri.
Dharmaraj Kar Siddh Kaaj…
Dharmi Jan Ko Dharmaraj,
Tum Khud Hi Lene Aate Ho.
Saadar Le Jaakar Unko Tum,
Svarg Dhaam Pahuchate Ho.
Jom Jan Paap Kapat Se Darrkar,
Teri Bhakti Karte Hain.
Nark Yatna Kabhi Na Karte,
Bhavsaagar Tarate Hain.
Kapil Mohan Par Kripa Kariye,
Japta Hoon Teri Mala.
Dharmaraj Kar Siddh Kaaj…
Dharmraj Ki Aarti Lyrics
Dharmraj Ki Aarti Benefits
धर्मराज आरती – धर्मराज कर सिद्ध काज के लाभ
धर्मराज आरती, जिसे अक्सर धर्मराज युधिष्ठिर की आरती भी कहा जाता है, एक विशेष धार्मिक पूजा विधि है जो महाभारत के प्रमुख पात्र धर्मराज युधिष्ठिर के प्रति सम्मान और श्रद्धा अर्पित करने के लिए की जाती है। यह आरती विशेष रूप से उन व्यक्तियों द्वारा की जाती है जो जीवन में न्याय, सत्य, और धर्म के मार्ग पर चलना चाहते हैं। इस लेख में हम विस्तार से चर्चा करेंगे कि धर्मराज आरती के करने से क्या लाभ होते हैं और यह किस प्रकार से जीवन को सकारात्मक दिशा प्रदान करती है।
धार्मिक और आध्यात्मिक लाभ
धर्मराज आरती का मुख्य लाभ यह है कि यह एक व्यक्ति की धार्मिक और आध्यात्मिक स्थिति को मजबूत करती है। युधिष्ठिर, जो धर्मराज के रूप में प्रसिद्ध हैं, उनके प्रति श्रद्धा और भक्ति की इस पूजा से एक व्यक्ति के भीतर धर्म और सत्य की भावना गहराई से स्थापित होती है।
धर्म की पुष्टि
धर्मराज आरती करने से व्यक्ति के मन में धर्म के प्रति विश्वास और आदर बढ़ता है। यह पूजा एक व्यक्ति को धर्म के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती है, जिससे उसका जीवन सत्य और न्याय से भरा होता है।
आध्यात्मिक उन्नति
धर्मराज की आरती से आध्यात्मिक उन्नति होती है। यह पूजा एक व्यक्ति को मानसिक शांति, संतुलन और आत्मज्ञान प्राप्त करने में मदद करती है। यह व्यक्तित्व को सुधारने और जीवन में आध्यात्मिक उन्नति के पथ पर ले जाती है।
जीवन की समस्याओं का समाधान
धर्मराज आरती करने से जीवन की विभिन्न समस्याओं का समाधान हो सकता है। यह पूजा विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जो जीवन में विभिन्न संकटों और समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
संकटों से मुक्ति
धर्मराज आरती करने से व्यक्ति को संकटों और कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है। युधिष्ठिर के चरित्र में स्थिरता और संयम का प्रतीक होता है, जो व्यक्ति को संकटों का सामना करने की शक्ति प्रदान करता है।
समस्याओं का समाधान
यह पूजा विशेष रूप से उन समस्याओं के समाधान में सहायक होती है, जो आर्थिक, पारिवारिक, या व्यक्तिगत स्तर पर उत्पन्न होती हैं। धर्मराज की आरती करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे समस्याओं का समाधान सुगमता से हो सकता है।
नैतिक और सामाजिक लाभ
धर्मराज आरती करने से न केवल व्यक्तिगत जीवन में सुधार होता है, बल्कि समाज और परिवार में भी सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलता है।
नैतिक विकास
धर्मराज आरती के माध्यम से व्यक्ति के नैतिक गुणों का विकास होता है। यह पूजा व्यक्तित्व को आदर्श, ईमानदार, और नैतिक बनाती है, जिससे समाज में एक सकारात्मक छवि बनती है।
सामाजिक सौहार्द
यह पूजा समाज में सौहार्द और सामंजस्य बनाए रखने में सहायक होती है। धर्मराज की आरती से व्यक्ति के भीतर सहिष्णुता, समझदारी, और सहकार की भावना उत्पन्न होती है, जिससे सामाजिक संबंधों में सुधार होता है।
स्वास्थ्य और मानसिक शांति
धर्मराज आरती के नियमित पाठ से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में भी सुधार होता है। यह पूजा शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को संतुलित रखने में सहायक होती है।
मानसिक शांति
धर्मराज की आरती करने से मानसिक शांति प्राप्त होती है। यह पूजा तनाव, चिंता और अवसाद को दूर करने में सहायक होती है, जिससे व्यक्ति का मन शांत और संतुलित रहता है।
स्वास्थ्य में सुधार
आरती का नियमित पाठ करने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे स्वास्थ्य में सुधार होता है। यह पूजा शरीर को ऊर्जा और शक्ति प्रदान करती है, जिससे शारीरिक स्वास्थ्य में भी लाभ होता है।
आध्यात्मिक आशीर्वाद और कृपा
धर्मराज आरती का महत्व यह भी है कि यह पूजा व्यक्ति के जीवन में आध्यात्मिक आशीर्वाद और कृपा प्राप्त करने का एक माध्यम है।
भगवान की कृपा
धर्मराज की आरती से भगवान की कृपा प्राप्त होती है। यह पूजा व्यक्ति को ईश्वर के विशेष आशीर्वाद का पात्र बनाती है, जिससे जीवन में सुख और समृद्धि का वास होता है।
धार्मिक सिद्धि
धर्मराज आरती करने से धार्मिक सिद्धि प्राप्त होती है। यह पूजा व्यक्ति के धार्मिक कर्मों को सिद्ध करती है और जीवन में समर्पण और भक्ति की भावना को मजबूत करती है।
आध्यात्मिक यात्रा का सहयोग
धर्मराज आरती व्यक्ति की आध्यात्मिक यात्रा में भी सहायक होती है। यह पूजा आध्यात्मिक पथ पर चलने के लिए प्रेरणा देती है और आत्मज्ञान की ओर मार्गदर्शन करती है।
आध्यात्मिक पथ पर मार्गदर्शन
धर्मराज की आरती आध्यात्मिक पथ पर मार्गदर्शन प्रदान करती है। यह पूजा व्यक्ति को आत्मज्ञान प्राप्त करने और अध्यात्मिक उन्नति की ओर प्रेरित करती है।
साधना में सहायक
यह पूजा आध्यात्मिक साधना में भी सहायक होती है। धर्मराज आरती से व्यक्ति की साधना की ऊर्जा बढ़ती है और आध्यात्मिक साधना में सफलता प्राप्त होती है।
संबंधों में सुधार और स्नेह बढ़ाना
धर्मराज आरती परिवारिक और व्यक्तिगत संबंधों में सुधार लाने में भी सहायक होती है। यह पूजा संबंधों में स्नेह और सामंजस्य बढ़ाती है।
परिवारिक संबंधों में सुधार
धर्मराज की आरती परिवारिक संबंधों में सुधार लाती है। यह पूजा परिवार में सुख और शांति का वातावरण बनाती है और रिश्तों में सामंजस्य स्थापित करती है।
व्यक्तिगत संबंधों में स्नेह
यह पूजा व्यक्तिगत संबंधों में भी स्नेह और समझदारी को बढ़ाती है। धर्मराज की आरती से रिश्तों में विश्वास और प्यार की भावना प्रबल होती है।
धर्मराज आरती – धर्मराज कर सिद्ध काज का महत्व न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से बल्कि व्यक्तिगत, पारिवारिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी अत्यधिक है। यह पूजा व्यक्ति के जीवन में धर्म, सत्य, और नैतिकता की भावना को स्थापित करती है और उसे संकटों, समस्याओं, और जीवन की कठिनाइयों से उबरने में मदद करती है। इसके साथ ही, यह पूजा मानसिक शांति, स्वास्थ्य, और आध्यात्मिक उन्नति में भी सहायक होती है।
इस प्रकार, धर्मराज आरती का महत्व व्यापक और गहरा है, और इसे नियमित रूप से करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव और समृद्धि की संभावना बढ़ जाती है।